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प्रिय प्रकाशक बन्धु,
आजादी के बाद अन्य क्षेत्रों व उद्योगों की तरह ही विकसित हो रहे अखबार जगत को भी कई जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ा। किसी भी अखबार की स्थापना जनहित के लिए की जाती है। प्रकाशक का उद्देश्य जनता से जुडे मुद्दों को उठाना होता है, लेकिन इस दूरूह कार्य के दौरान जनता की आवाज उठाते-उठाते प्रकाशक को कई बार अपनी ही आवाज घुटती हुई नजर आती है। खासतौर से उनकी जो नए व कम प्रसार संख्या वाले समाचार पत्र के प्रकाशक हैं। उन्हें हर बार उनके कार्य के स्थान पर प्रसिद्धी और प्रसार (सर्कुलेशन) के आधार पर आंका जाता है। परंतु अखबार चाहे एक निकले या एक लाख उसके लिए कार्य उतना ही करना होता है। प्रकाशक की भावना और उद्देश्य वही होता है, फिर कम प्रसार वाले अखबारों\प्रकाशकों के साथ भेदभाव क्यों?

अखबार प्रकाशकों की सबसे बड़ी समस्या आर्थिक संकट है। अखबार में आय का स्रोत केवल विज्ञापन होता है। परंतु सरकार द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापनों का निर्धारण कई ऎसे मापदंडो पर आधारित होता है जिसको पूरा करने के लिये सम्बन्धित अधिकारियों की विशेष कृपा व प्रसार संख्या मे हेरफेर के अलावा कोई अन्य विकल्प नही बचता।

दूसरी तरफ प्रकाशक को छोटे बड़े के आधार पर कई बार अपनी बिरादरी में ही सम्मान नहीं मिल पाता। प्रकाशक अकेले अपमान के दंश और समस्याओं से जूझता रहता है, क्योंकि प्रकाशक अलग ईकाईयों में काम कर रहे हैं। वो जनहित के लिए बात करने में खुद को सहज महसूस करता है परंतु अपनी बारी आने पर बड़ा असहाय महसूस करता है उसके पास ऐसा कोई एक उपयुक्त मंच नहीं है जहां वो अपनी आवाज उठा सके।

आज भारत में प्रत्येक प्रकार के व्यापार, रोजगार व जनहित में संलग्न संगठनों को प्रोत्साहन दिया जाता है। लेकिन अखबार के साथ दुर्भाग्य है कि एक प्रकार से सामाजिक संगठन होते हुए भी उसे सरकारी या गैर सरकारी प्रोत्साहन या आर्थिक सहायता नहीं मिलती। यदि उसे किसी कार्पोरेट घराने का सहयोग मिले तो जनहित के मुद्दो को स्वतंत्रता से रख पाने पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है।

सरकार द्वारा प्रदान की जा रही विज्ञापन के रुप मे सहायता मात्र मृगतृष्णा साबित होती है। हद तो यह है की ऎसी मृगतृष्णा के लिए भी दोहरे मापदण्ड स्थापित हैं।

लीपा क्यो?
जब तक संर्घषरत समाचार पत्रों को महत्व नहीं दिया जाएगा वह अपना अस्तित्व बचाने के लिए संर्घष करते रहेंगे जिसमें उनकी काफी उर्जा खत्म होगी।

यही वजह की प्रकाशकों को एक मंच पर एकत्रित व संगठित करने के लिए ‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशन’ की स्थापना’ की गई है। यह एक गैर सरकारी संगठन है जिसका मुख्य उद्देश्य प्रकाशकों को एक मंच पर एकत्रित करना है।

लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशन (लीपा) “लीड इंडिया ग्रुप” का एक विजनरी प्रयास है। लीड इंडिया ग्रुप इस विषय पर कई महीनों से अध्ययन कर रहा था। व्यापक अध्ययन व शोध के बाद “लीड इंडिया ग्रुप” के संस्थापक व प्रकाशक होने के नाते मैने कई अन्य प्रकाशक बंधुओं से उनकी राय व समस्याओं को जाना। और इसके उपरांत हमने ‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशन’ (लीपा) का गठन करने का निश्च्य किया।

लीपा का उद्देश्य:
लीपा का उद्देश्य प्रकाशकों की समस्याओं का समाधान व प्रगति करने में सहायता करना है। लीपा अलग-अलग ईकाई की तरह कार्य कर रहे समाचारपत्र-पत्रिका के प्रकाशकों को एक समूह के रूप में जोड़ना चाहता है ताकि जब वो किसी मुद्दे को उठाएं तो उसे सशक्त आवाज की तरह सुना जा सके।

लीपा के कार्य:
'लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशन' समाचारपत्र-पत्रिका प्रकाशकों को हरसंभव सहायता करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसके लिए प्रकाशकों के सामने आने वाली बुनियादी समस्याओं से निपटने के लिए लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशन की ओर से निम्नलिखित सहायता प्रदान की जाएंगी।

1. तकनीकी सहायता:
संचार क्रांति के युग में तकनीक से किनारा नहीं किया जा सकता। परंतु प्रत्येक समाचारपत्र-पत्रिका प्रकाशक के पास प्रत्येक तकनीकी जानकारी हो यह संभव नहीं। कई बार मामूली तकनीकी समस्या के चलते प्रकाशन पर व्यापक असर पड़ता है। अत: लीपा अखबार निकालने में होने वाली तकनीकी समस्याओं (कंप्यूटर संबधित) से निपटने में हरसंभव सहायता प्रदान करेगा। यह सहायता रिमोट असिसटेंट द्वारा प्रदान की जाएगी।

2. दस्तावेजी सहायता:
समाचारपत्र-पत्रिका प्रकाशकों के लिए पूर्व स्थापित और निरंतर कड़े हो रहे सरकारी कानून बड़ी बाधा के रुप मे सामने आ रहा हैं। इसके लिए 'लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशन' प्रत्येक प्रकार की डॉक्युमेंट्री जानकारी व सहायता देने के लिए तत्पर रहेगा।

3. परामर्श:
कई बार समाचारपत्र-पत्रिका प्रकाशक जानकारी के अभाव में विज्ञापन अथवा अन्य लाभों से वंचित रह जाते हैं। अत: समय समय पर लीपा अपने सदस्यों को ऐसी सभी जानकारी मुहैया कराती रहेगी।

4. ऑडिट सहायता:
एनुअल रिटर्न व अखबार के ऑडिट के दौरान कई प्रकार की समस्याएं आती हैं। लीपा कम से कम खर्च पर चार्टर्ड एकाउंटेंट की सेवा उपल्ब्ध कराएगा। ताकि सभी प्रकार की वित्तीय सलाह मिले व संबंधित कागजात समय पर पूरे कराए जा सकें।

5. कार्यालय सुविधा:
‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशन’ (लीपा) देश की राजधानी दिल्ली में एक भव्य भवन का निर्माण कराने की योजना पर कार्य कर रहा है। इस भवन में लीपा के सदस्यों को चैंबर दिया जाएगा।

6. विज्ञापन एवं विपणन (मार्केटिंग) हेतु सहायता:
लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिशन के समक्ष एक स्पष्ट कार्ययोजना है जिसके माध्यम से लीपा अपने सदस्यों के लिए नियमित विज्ञापन दिलवाने की दिशा में अंतिम चरण में कार्य कर रही है। इस योजना के अंतर्गत प्रकाशन हेतु सभी सदस्यों के लिए एक नियमित आय विकसित हो सकेगी।

सदस्य पात्रता:
“लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशन” की सदस्यता नि:शुल्क है। सदस्य होने के लिए प्रकाशक होने की पात्रता अनिवार्य है। लीपा के सभी सदस्यों की सूची “लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशन” (लीपा) की वेबसाईट www.lipa.co.in पर जारी की जायेगी। इस वेबसाईट के माध्यम से लीपा सदस्य एक दूसरे के साथ सम्पर्क कर सकेंगे। आपसे आग्रह है कि सदस्यता फार्म मे ईमेल पते का उल्लेख अवश्य करें। भविष्य मे आपको सभी व्यक्तिगत जानकारी ईमेल के द्वारा ही दी जायेंगी।

नोट: असुविधा से बचने के लिए सदस्यता फार्म में उल्लेखित नियमों के अनुसार ही सदस्यता फार्म भरें। किसी भी प्रकार के सहायता के लिए 011-43015161, 011-22431807 पर संपर्क करें।

प्रकाशक बंधु हम सभी ने जनहित में कार्य करने के लिए समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अपनी आवाज को सशक्त मंच देने के लिए हमें एक मंच पर एकजुट होना आवश्यक है। अत: आपसे आग्रह है कि लीपा का सदस्य बने और पत्रकारिता के भविष्य को मजबूत बनाने में अपनी रचनात्मक भूमिका निभाएं।

धन्यवाद,
सुभाष सिंह
अध्यक्ष: ‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशन’ (लीपा)
संथापक व प्रकाशक: ‘लीड इंडिया ग्रुप’


लीपा से सम्बन्धित आम सवाल


1लीपा क्या है?
यह एक गैर सरकारी संगठन है जो समाचारपत्र - पत्रिकाओं के प्रकाशकों के हित में कार्य करता है।
2. लीपा की शुरूआत किसने की?
लीपा की शुरूआत लीड इंडिया ग्रुप द्वारा की गई है।
3. लीपा की मान्यता कहां से प्राप्त है?
‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशन’ (लीपा) एक राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन के रूप में दिल्ली के सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अन्र्तगत मान्यता प्राप्त है।
4. मैं लीपा का सदस्य कैसे बन सकता हूं?
यदि आप किसी सामाचार पत्र अथवा पत्रिका के प्रकाशक हैं तो आप सदस्यता फार्म भरकर लीपा के सदस्य बन सकते हैं। सदस्यता फार्म भरने के लिए आप लीपा की  वेबसाइट www.lipa.co.in के Top Menu में जाकरMembership Form पर क्लिक करें। वहां दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए फार्म भरें और Submit करें। यदि आपके द्वारा दी गई जानकारी सही पाई जाएगी तो 24 घंटे के अंदर आपकी सदस्यता मान्य कर दी जाएगी।
5. लीपा में सदस्यता लेने के लिए कौन कौन से डॉक्युमेंट देने आवश्यक हैं?
सदस्यता पाने के लिए निम्नलिखित 4 डॉक्युमेंट देने अनिवार्य हैं-
  • फोटो (पासपोर्ट साइज़)
  • आरएनआई सर्टिफिकेट की कॉपी
  • पहचान पत्र की कॉपी
  • निवास प्रमाण पत्र की कॉपी
6. पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र के लिए कौन - कौन से डॉक्युमेंट मान्य हैं?
पहचान पत्र के लिए आप पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या राशन कार्ड (यदि राशन कार्ड पर आपका फोटो है तो) की कॉपी दे सकते है। निवास प्रमाण पत्र के लिए यदि पहचान पत्र में आपके निवास का पता उल्लेखित न हो तो निम्नलिखित में से कोई एक डॉक्युमेंट जमा करें- बिजली बिल, वाटर बिल, टेलीफोन बिल, आर सी कॉपी, रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट, बैंक पास बुक।

7. क्या लीपा की सदस्यता के लिए शुल्क भी लिया जाएगा?
नहीं, सदस्यता निः शुल्क है।
8. मेरी सदस्यता की श्रेणी क्या होगी और सदस्यता की अवधि क्या होगी?
आपकी श्रेणी जनरल मेंबर की होगी और आपकी सदस्यता की अवधि तब तक रहेगी जब तक आप प्रकाशक हैं। परन्तु विशेष परिस्थितियों में आपकी सदस्यता समाप्त की जा सकती है।
9. विशेष परिस्थिति क्या हैं?
  • यदि आप किसी गैर कानूनी काम में दोषी साबित कर दिए जाते हैं,
  • यदि आप लीपा के नियमों व सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं, इत्यादि।
10. क्या आप लीपा का सदस्यता के लिए आई कार्ड भी देंगे?
सामान्यतः लीपा की सदस्यता हेतु आईकार्ड जारी नहीं किया जाता है। सदस्यों की पहचान हेतु सदस्यता क्रमांक दिया जाता है और सदस्य का पूरा विवरण लीपा की वेबसाइट पर 'मेंबर लिस्ट' में उपलब्ध होता है। परंतु विशेष परिस्थिति में यदि कोई सदस्य पहचान पत्र लेना चाहता है तो इसके लिए निधार्रित शुल्क 100 रूपए जमा करा कर आईकार्ड प्राप्त किया जा सकता है।
11. मुझे सदस्यता कब मिलेगी? मेरी सदस्यता को वेबसाइट सूची पर कब डाला जाएगा?
यदि आपके द्वारा दी गयी सूचना सही पाई जाती है तो मेंबरशिप फार्म भरने के 24 घंटे के भीतर आपकी सदस्यता सुनिश्चित  कर दी जाएगी  और इसकी सूचना वेबसाइट पर भी डाल दी जाएगी।
12. लीपा की बैठक कब-कब होंगी और क्या प्रत्येक बैठक में आना अनिवार्य है?
लीपा के जनरल मेंबर्स की बैठक वार्षिक होती है जिसमें शामिल होना अनिवार्य है।
13. सदस्य को लीपा की ओर से प्रमाण के रूप में क्या दस्तावेज मिलेगा?
सदस्यता प्रमाणपत्र के रूप में आपको एक  दस्तावेज ईमेल द्वारा भेजा जाएगा। यह दस्तावेज आपकी सदस्यता सुनिश्चित होने की सूचना के रूप में होगी।
14. लीपा की गवर्निंग बॉडी में कौन-कौन हैं?
लीपा की गवर्निंग बॉडी के विषय में जानने के लिए आप लीपा की वेबसाइट www.lipa.co.in पर गवर्निंग बॉडीसेक्शन में जाकर विस्तृत जानकारी ले सकते हैं।
15. लीपा का सदस्य बन कर मुझे क्या लाभ होगा?
लीपा आपको ऑफिस, विज्ञापन, दस्तावेजी सहायता, तकनीकी सहायता और ऑडिट सहायता उपलब्ध कराएगी। विस्तृत जानकारी के लिए लीपा की वेबसाइट www.lipa.co.in पर ‘Work of LIPA’ सेक्शन में क्लिक करें।
16. आप हमारी किस प्रकार मदद करेंगे?
लीपा से जुड़े प्रकाशकों की हर समस्या के समाधान के लिए लीपा दृढ़ संकल्पित है। लीपा ने सदस्यों की सहायता करने के लिए अपने कार्यो का विभाजन ऑफिस सहायता, विज्ञापन सहायता, दस्तावेजी सहायता, तकनीकी सहायता और ऑडिट सहायता के रूप में किया है। इसकी विस्तृत जानकारी के लिए लीपा की वेबसाइट पर ‘Work of LIPA’ में क्लिक करें।
17. हमें विज्ञापन कहां से मिलेगा?
लीपा अपने सभी सदस्यों को विज्ञापन मुहैया कराने के लिए एक बेहद आकर्षक योजना पर काम कर रहा है, जिसकी सूचना जनरल मेंबर्स की आगामी वार्षिक बैठक में दी जाएगी।
18. क्या लीपा प्रकाशकों को मान्यता कार्ड दिलवाने में सहायता करेगा?
जी हां, इस विषय पर लीपा आपकी हर संभव सहायता करेगा।
19. मेरे समाचार पत्र को डीएवीपी कराने में लीपा किसी प्रकार सहायता करेगा?
लीपा डीएवीपी से संबंधित सभी जानकारी आप तक समय-समय पर पहुंचाता रहेगा और यह भी सुनिश्चित करेगा कि डीएवीपी में आपके अखबार के साथ किसी भी प्रकार का दोयम व्यवहार न हो।
20. क्या लीपा हमें समाचार भी देगा?
इस विषय पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है परंतु गवर्निंग बॉडी की आगामी अर्धवार्षिक बैठक में इस विषय पर चर्चा की जाएगी।
21. क्या सीए की सेवाएं निशुल्क होंगी? यदि नहीं तो कितना शुल्क होगा?
लीपा अभी सीए की सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराने में असमर्थ है परंतु यह कार्य लीपा काफी सस्ते दर पर अपने सदस्यों को उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
22. क्या यह सीए सेवा भविष्य में निःशुल्क भी मिल सकती है?
हां, यह संभव है।
23. लीपा तकनीकी सहायता किस प्रकार प्रदान करेगा?
लीपा सभी तकनीकी सहायता इन्टरनेट, टेलीफोन और रिमोट सिस्टम द्वारा उपलब्ध कराएगा ।
24. रिमोट सिस्टम क्या है?
यह एक सॉफ्टवेयर है जिसके माध्यम से हम किसी भी कंप्यूटर को लीपा के ऑफिस के एक्सेस कर सकते हैं।
25. लीपा दस्तावेजी सहायता किस प्रकार देगा?
दिल्ली में अखबार से संबंधित किसी भी विभाग में यदि आपको दस्तावेजी समस्या आती है तो इससे संबंधित सभी सहायता व सूचना आपको उपलब्ध कराई जाएगी।
26. प्रशासनिक समस्याओं से निपटने में लीपा कैसे सहायता प्रदान करेगा?
प्रशासनिक समस्याओं के निपटने के लिए लीपा अपने सदस्यों की सहायता लीपा में मौजूद विभिन्न समितियों व सलाहकारों के पैनल के माध्यम से करेगी।
27. क्या लीपा की स्थापना लीड इंडिया ग्रुप ने अपने फायदे के लिए की है?
लीड इंडिया ग्रुप प्रकाशकों के सामने आने वाली रोजमर्रा की चुनौतियों पर लंबे समय से अध्ययन कर रहा था। लीड इंडिया ग्रुप ने समस्या को व्यापक संदर्भ में देखा और समझा। यही वजह है कि लीड इंडिया ग्रुप ने सिर्फ स्वयं की समस्याओं तक केंद्रित न हो कर प्रकाशकों के हित में लीपा का गठन किया, ताकि प्रकाशकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक उचित और सशक्त माध्यम बन सके। लीपा सिर्फ प्रकाशकों के हित के लिए गठित की गई है। लीड इंडिया ग्रुप और इसकी टीम ने इसके लिए अथक प्रयास और मेहनत की है। अतः यह शुद्ध रूप से प्रकाशकों के लिए समर्पित है।
28. लीड इंडिया ग्रुप क्या है?
लीड इंडिया ग्रुप एक मीडिया हाउस है जिसके अंतर्गत दैनिक व पाक्षिक समाचार पत्रों का प्रकाशन किया जाता है। लीड इंडिया ग्रुप के विषय में अधिक जानकारी के लिए www.leadindiagroup.com पर विजिट करें।
29. पब्लिशर्स एसोसिएशन में लीड इंडिया शब्द क्यों जोड़ा गया?
लीड इंडिया का तात्पर्य देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को नेतृत्व देना है, जिस संस्था से हजारों की संख्या में प्रकाशक जुड़े हों उसे निःसंदेह लीड इंडिया ही कहा जाना चाहिए। यही सोचकर लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन का नामकरण हुआ।
30. लीपा में अब तक कितने सदस्य बन चुके हैं?
लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन (लीपा) के सदस्यों की संख्या आप लीपा की वेबसाइट पर मेंबर लिस्ट में क्लिक कर के देख सकते हैं।
31. लीपा की प्रमाणिकता कैसे जांची जा सकती है?
लीपा की प्रमाणिकता की जांच आप दिल्ली सरकार की वेबसाइट, लीपा की वेबसाइट एवं ऑफिस आकर जांच सकते हैं।
32. मैं किस प्रकार विश्वास करूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारियों का दुरूपयोग नहीं होगा?
लीपा को आपके द्वारा दी गई जानकारी अति गोपनीय रखी जाती है अतः हमारे पास से आपके द्वारा दी गई जानकारियों के दुरूपयोग होने की कोई संभावना नहीं है।
33. लीपा के आय के स्रोत क्या होंगे?
लीपा के आय के लिए किसी प्रकार का कोई निजि स्रोत नहीं है। यह लीड इंडिया ग्रुप एवं विभन्न सहयोगों के माध्यम से संचालित की जा रही है।
34. लीपा में पत्रकारों को सदस्यता क्यों नहीं दी जा सकती?
लीपा का एक मुख्य उद्देश्य यह भी है कि पत्रकारों के हित का ध्यान रखा जाए। लीपा की सदस्यता अभी सिर्फ प्रकाशकों के लिए है। पत्रकारों को सदस्यता दी जाए या नहीं इस विषय में आने वाली वार्षिक बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
35. क्या लीपा पत्रकारों के खिलाफ संगठन है?
नहीं, पत्रकार संपादक एवं पाठक के हित को ध्यान में रख कर ही प्रत्येक वर्ग से एक- एक प्रतिनिधि को गर्वनिंग बॉडी में शामिल किया गया है।
36. लीपा में चेंबर कितने दिनों में मिलेगा?
यदि आप लीपा के सदस्य हैं तो आप अपने अखबार के संचालन हेतु चैंबर पाने के लिए पात्र हैं। चैंबर दिए जाने के लिए नीति निर्धारण किया जा रहा है। चैंबर पाने के लिए आवश्यक शर्तों के विषय में आपको उचित समय पर अवगत कराया जाएगा।
37. आवश्यक शर्तें क्या होंगी?
  • आवश्यक शर्तों में सबसे पहले यह अनिवार्य है कि आप अखबार के प्रकाशक हों,
  • आवश्यकतानुरूप आजीवन चैंबर पाने के लिए कुछ शुल्क निधार्रित किया जा सकता हैः इत्यादि
38. क्या चैंबर हमारे नाम पर रजिस्टर्ड होगा?
कानूनी तौर पर लीपा के साथ करार होगा जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चैंबर आपके लिए आजीवन रहे।
39. किन परिस्थितियों में किसी प्रकाशक से चैंबर वापस लिया जा सकता है?
  • यदि आप लीपा द्वारा निर्धारित नियमों का पालने करने में असफल होते हैं
  • यदि आप किसी गैर कानूनी कृत्य में लिप्त पाए जाते हैं
  • यदि आप प्रकाशक नहीं रहते हैं, इत्यादि
40. क्या चैंबर मेन्टिनेंस के लिए कोई वार्षिक या मासिक शुल्क लिया जाएगा?
इस विषय पर नीति चैंबर आवंटित किए जाने की उद्घोषणा के साथ ही बता दी जाएगी। यह सदस्य की इच्छा पर निर्भर है कि वह सभी शर्तों को मानने के उपरांत चैंबर लेना स्वीकार करता है या नहीं।
41. लीपा में चेंबर पाने के लिए हमे क्या करना होगा?
लीपा में चैंबर मिलने का समय और इससे जुड़ी सभी प्रक्रियाएं जनरल बॉडी की वार्षिक बैठक में बता दी जाएंगी।
42. लीपा में चैंबर कितने दिनों में मिलेगा?
चैंबर मिलने से जुडी सभी जानकारियाँ जनरल बॉडी की वार्षिक बैठक में बता दी जाएंगी।
43. क्या प्रत्येक सदस्य को चेंबर मिलेगा?
लीपा सुनिश्चित करेगी कि सभी सदस्यों को चैंबर मिले।
44. लीपा का भवन कहां होगा?
लीपा का पहला भवन दिल्ली में होगा।
45. भवन निर्माण हेतु धन कहां से आएगा?
भवन निर्माण कराना ‘लीपा’ और ‘लीड इंडिया ग्रुप’ के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके लिए धन व्यवस्था के विषय में जानकारी सदस्यों को वार्षिक बैठक में दे दी जाएगी।
46. भवन के लिए जमीन कहां से आएगी?
जमीन सरकारी अथवा निजि दोनों हो सकती है, इस विषय पर अंतिम निर्णय वार्षिक बैठक में लिया जाएगा।
यदि आपके किसी प्रश्न का उत्तर यहाँ नहीं मिलता हैं तो प्रश्न हमें लिख भेजें, हम उसका उत्तर यथाशीघ्र देंगे।

4 comments:

DDS.editor said...

Web samachar ke prakashak ko lipa ki sadsya kaise milega

Unknown said...

Web samachar PORTEL ke prakashak ko lipa ki sadsya kaise milega

Unknown said...

Web samachar ke prakashak ko lipa ki sadsya kaise milega

dipak pathak said...

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